यूपी ग्राम पंचायत चुनाव : इस बार चार पदों के लिए एक ही दिन पड़ेंगे वोट
उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायत चुनाव इस साल अक्तूबर से नवम्बर के बीच होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्य के चार पदों पर एक साथ मतदान करवाने की तैयारी शुरू की है। पिछली बार वर्ष 2015 में ग्रामीण मतदाताओं को दो बार मतदान करना पड़ा था।
राज्य निर्वाचन आयोग ने जो प्रस्तावित कार्यक्रम तैयार किया है उसके मुताबिक 31 जनवरी तक प्रदेश के पंचायती राज विभाग को वर्ष 2015 से अब तक पंचायतों के स्वरूप में किए गए बदलावों का ब्यौरा उपलब्ध करवाना है। इस ब्योरे में ग्राम पंचायतों को शहरी क्षेत्र के नगर निगम, नगर पालिका परिषद, पंचायत में शामिल करने या फिर कई ग्राम पंचायतों को मिलाकर पूरी की पूरी नई नगर पंचायत गठित करने के बाबत शासन स्तर पर लिए गए फैसलों के बाद मौजूदा ग्राम पंचायतों की ब्लाक व जिलेवार पंचायतों का ताजा ब्यौरा राज्य निर्वाचन को प्रदेश का पंचायतीराज विभाग उपलब्ध करवाएगा।
94 हजार बीएलओ लगेंगे: इस संक्षिप्त परिसीमन के ब्यौरे के मिलने के बाद 15 से 20 फरवरी के बीच ग्राम पंचायतों की वोटर लिस्ट के वृहद पुनरीक्षण का अभियान शुरू होगा। 30 जून तक चलने वाले इस वृहद पुनरीक्षण में बूथ लेबल आफिसर (बीएलओ) ग्रामीण इलाकों में घर-घर जाकर वोटर लिस्ट को अपडेट करेंगे। इस अभियान में करीब 94 हजार बीएलओ लगाए जाएंगे। आयोग के एडीशनल इलेक्शन कमिश्नर वेद प्रकाश वर्मा ने बताया कि बीएलओ की सूची तैयार कर आयोग को भेजने के निर्देश दे दिए गए हैं।
आयोग की वोटर लिस्ट से होंगे चुनाव
2015 में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया में 59 हजार 162 ग्राम पंचायतों के लिए 11 लाख 77 हजार मतदाताओं ने मतदान किया था। मगर इस बार करीब 250 से 500 के बीच ग्राम पंचायतों को शहरी क्षेत्र में शामिल करने की वजह से ग्राम पंचायतों की संख्या कम रहेगी। पंचायत चुनाव विधान सभा की वोटर लिस्ट के बजाए आयोग की अपनी ही वोटर लिस्ट से करवाए जाएंगे। साथ ही जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष होंगे यानि जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत के निर्वाचित सदस्य ही इन दोनों का चयन करेंगे न कि आम ग्रामीण जैसा कि पहले प्रस्ताव था।