हाट शाखा की धान ख़रीद, चावल से बनाया जा रहा धान ...!

👉योगी का मंत्रालय फ़तेहपुर में धान से चावल नहीं चावल से बना रहा धान ...! 
👉 -असोथर केन्द्र में हुई धान की हुई लगभग 50 हज़ार कुन्तल फ़र्ज़ी ख़रीद
👉-केन्द्र में लटक रहा ताला, प्रभारी का पता नहीं, राज्य मंत्री के गृह जनपद में हाट शाखा के ज़िम्मेदारों का बड़ा खेल 


 ✍️ फ़तेहपुर। जनपद में हाट शाखा के सभी 14 केंद्रो में धान ख़रीद के नाम पर बड़े पैमाने पर खेल होने का मामला चर्चा में है। अकेले असोथर केन्द्र में धान की फ़र्ज़ी ख़रीद का आँकड़ा 50 हज़ार कुन्तल के पार पहुँच जाने की शिकायत अन्नदाताओ ने फिर एक बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजी है। बताते चले कि सूबे में हाटशाखा खाद्य एवं रसद विभाग के अधीन संचालित एक ईक़ाई है और यह मंत्रालय स्वयं मुख्यमंत्री के पास है और इस विभाग के राज्य मन्त्री का यह गृह जनपद है।
       उल्लेखनीय है कि इस जनपद में प्रत्येक वर्ष धान की उपज कई लाख कुन्तल का आँकड़ा पार करती रही है। बड़ी बात यह है कि सरकारें अन्नदाताओ को उपज का उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से लगभग प्रत्येक वर्ष धान के समर्थन मूल्य में इज़ाफ़ा तो करती रहीं हैं किन्तु शायद ही कभी धान ख़रीद के सिस्टम ने किसानो के साथ न्याय किया हो ! इस बार हालत कुछ ज़्यादा ख़राब है। एकलौते हाट शाखा के ख़रीद केंद्रो में मिलर्स और केन्द्र प्रभारियो के बीच बिचौलियों ने ऐसा सेतु बनाया है कि अन्नदाता ख़ून के घूँट पीने को मजबूर हैं!
     सरकारी दस्तावेज़ो के अनुसार खाद्य एवं रसद विभाग उ०प्र० द्वारा धान क्रय एजेंसी: शाखा की खाद्य विभाग की विपणन (हाट) शाखा द्वारा इस जनपद में 14 धान ख़रीद केन्द्र संचालित किये हैं, जिनमे आज सायं साढ़े चार बजे तक 5499 किसानो का 40149.30 मी० टन धान ख़रीदने का दावा किया है और उपरोक्त किसानो के बैंक खातों में 36737695 रुपये का भुगतान भी कर देने का दावा किया गया हैं। इन धान ख़रीद केंद्रो में विपणन शाखा किशनपुर - विजयीपुर के 313 किसानो का 1961.1 मी. टन धान ख़रीदा गया और 5986185 रुपये भुगतान किया गया। इसी तरह  विपणन शाखा बिंदकी - द्वितीय एवं बिंदकी नगर पा. प. के 331 किसानो का 2565.84 मी. टन धान ख़रीदा गया और 7083164 रुपये भुगतान किया गया। 
    विपणन शाखा अमौली के 228 किसानो का 1547.40 मी. टन धान ख़रीदा गया और 8392830 रुपये भुगतान किया गया। विपणन शाखा असोथर के 637 किसानो का 6170.50 मी. टन धान ख़रीदा गया और 113228675 रुपये भुगतान किया गया। विपणन शाखा न. पं. खाग़ा के 483 किसानो का 3274.06 मी. टन धान ख़रीदा गया। विपणन शाखा न.पं. कोड़ा जहानाबाद के 226 किसानो का 1547.08 मी. टन धान ख़रीदा गया और 8388918 रुपये भुगतान किया गया। विपणन शाखा थरियाव - हसवा के 531 किसानो का 3918.88 मी. टन धान ख़रीदा गया और 1811448 रुपये भुगतान किया गया। विपणन शाखा धाता के 395 किसानो का 2791.28 मी. टन धान ख़रीदा गया और 1219988 रुपये भुगतान किया गया। 
     विपणन शाखा फ़तेहपुर के 626 किसानो का 4670.56 मी. टन धान ख़रीदा गया और 5704776 रुपये भुगतान किया गया। विपणन शाखा बहुआ के 130 किसानो का 967.92 मी. टन धान ख़रीदा गया और 7761332 रुपये भुगतान किया गया। विपणन शाखा बिंदकी - प्रथम के 339 किसानो का 2312 मी. टन धान ख़रीदा गया और 2425200 रुपये भुगतान किया गया। 
        इसी क्रम में विपणन शाखा मलवा के 427 किसानो का 2659.44 मी. टन धान ख़रीदा गया और 8800724 रुपये भुगतान किया गया। विपणन शाखा थरियाव - हथगाँव के 344 किसानो का 2133.64 मी. टन धान ख़रीदा गया और 9152294 रुपये भुगतान किया गया एवं विपणन शाखा हुसैनगंज - भिटौरा के 489 किसानो का 3629.60 मी. टन धान ख़रीदा गया और 6603160 रुपये भुगतान किया गया।
    योगी सरकार ने धान का सरकारी मूल्य लगभग पर्याप्त 1835 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित तो कर दिया किंतु व्यवस्था के समवाहको ने व्यवस्था का माख़ौल बनाकर रख दिया। सूत्रों के अनुसार इन केंद्रो के प्रभारियो एवं मिलर्स के बीच बिचौलियों ने ऐसा सेतु बनाया कि अन्नदाता की हालत फ़ाख्ता हो गई है। ख़बर है कि मिल संचालकों ने बिहार समेत प्रदेश के कुछ और प्रदेशों से बड़ी तादात में चावल मँगाकर डम्प कर लिया है और ज़्यादातर केंद्र प्रभारियों को इस बड़े खेल में शामिल कर बिचौलियों और दलालों के माध्यम से बड़ी संख्या में उन गाँवों के किसानो को कुछ रुपयों का लालच देकर खसरा-खतौनी प्राप्त कर लिया है जहाँ पर धान की फ़सल होती ही नहीं है! इनमें असोथर ब्लाक के गाँव रामनगर कौहन मे धान की फ़सल बिल्कुल भी नहीं होती किन्तु इस गाँव के तमाम किसानो की खसरा-खतौनी से ख़रीद दिखाई गई है। इसी तरह सरकंडी गाँव जहाँ 75 फ़ीसदी क्षेत्र में धान की फ़सल नहीं होती किंतु लगभग पूरे गाँव की खसरा-खतौनी लगी हैं। वही जरौली, देईमऊ, घाटमपुर के किसानो की भी उपज न होने के बावजूद खसरा-खतौनी लगी है। इसी तरह जनपद के अन्य तमाम गाँवों के किसानो की भी कई लाख कुन्तल धान की इस खेल के चलते ख़रीद होने की शिकायत पुनः मुख्यमंत्री से की गई है। बड़ी बात यह है कि खाद्य एवं रसद मंत्रालय स्वयं मुख्यमंत्री के पास है और राज्य मंत्री का यह गृह जनपद भी है। बावजूद इसके इस जनपद में धान ख़रीद में अंधेरगर्दी समझ से परे है!
     ख़बर है कि कई केन्द्र प्रभारियो ने व्यापारियों से मिलकर भी इस खेल को अंजाम दिया। इसमें असोथर केंद्र प्रभारी भीम सिंह ने तो हद ही कर दी।जो विगत 27 जनवरी से केंद्र ही नहीं आये और केंद्र में लगातार ताला पड़ा है, बावजूद रोज़ाना साढे तीन  सौ से पौने चार सौ कुन्तल तक धान की ख़रीद दिखाकर सिस्टम का ही माख़ौल बना दिया है। अन्नदाता की उपज की इस क़दर दुर्गति के लिये स्थानीय अन्य व्यवस्था पालक भी कम जिम्मेदार नहीं हैं। कई बार शिकायतों के बाद भी 4 से 6 किलो तक धान प्रति कुन्तल की कटौती को रोकना मुनासिब नहीं समझा और न ही कोई कार्यवाही की। ज्ञात हो कि धान ख़रीद में फ़तेहपुर जनपद प्रयागराज मंडल में पहले स्थान पर है और उसमें असोथर केन्द्र पूरे मंडल में टाप पर है ? इस सन्दर्भ में जब डिप्टी आरएमओ से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो वे उपलब्ध नहीं हुए।


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