माँ ने 04 बेटियों के साथ की आत्महत्या ...

👉फ़तेहपुर में माँ ने चार बेटियों के साथ ज़हर खाकर दी जान
👉-परिवार के मुखिया की नशेडी प्रवृत्ति और आर्थिक तंगी बनी कारण
👉— 24 घण्टे से अधिक समय तक घर के अन्दर पड़े रहे शव, जन चर्चा घटना के लिये जिम्मेदार कौन


✍️ फतेहपुर।परिवार के मुखिया की नशेबाज़ी की प्रवृत्ति के चलते उपजी आर्थिक तंगी और रोज़-रोज़ की खोखट के चलते एक दलित परिवार के पाँच सदस्यों ने ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली।मरने वालों में माँ व उसकी चार बेटियाँ शामिल हैं, जिनमे तीन नाबालिग़ बताई जाती हैं। यह घटना आठ बाई आठ के कमरे में हुई। यह घटना सदर कोतवाली क्षेत्र के शांति नगर (फायर ब्रिगेड कार्यालय के पीछे) इलाक़े की है। मोहल्ले वालों ने घर के अंदर से दुर्गंध आने पर पुलिस को इसकी सूचना दी। मौक़े पर पहुँची कोतवाली ने दरवाज़ा तोड़कर सभी पाँचों शवों को बाहर निकालकर पंचनामा भरने के बाद विच्छेदन के लिये भेजा।
       उपलब्ध घटनाक्रम के मुताबिक़ शहर के शांति नगर इलाक़े की मलिन बस्ती में लगभग 65 वर्षीय दलित रामसागर के चार बेटों का परिवार अलग अलग रहता है। सबसे बड़ा बेटा राम सागर का परिवार जिसमें उसकी लगभग 40 वर्षीय पत्नी श्यामा देवी, उसकी लगभग 21 वर्षीय पुत्री पिंकी, लगभग 16  वर्षीय प्रियंका, लगभग 13 वर्षीय वर्षा एवं लगभग 11 वर्षीय ननकी   रहता है। राम सागर का परिवार उसकी नशे की तगड़ी लत के चलते एक दशक से भी अधिक समय से काफ़ी परेशान था। श्यामा एक निरंकारी बालिका विद्यालय में एमडीएम योजना के तहत खाना बनाने (रसोईयाँ) की नौकरी करके किसी तरह अपने परिवार का पेट पाल रही थी और इसी विद्यालय में तीनो नाबालिग़ बेटियों को किसी तरह पढ़ाती भी थी। बड़ी बेटी पिंकी एमजी डिग्री कालेज से स्नातक भी कर रही थी और ट्यूशन पढ़ाकर माँ के साथ घर चलाने में मदद भी करती थी। पूरा परिवार राम भरोसे की नशे की लत और उसकी झगड़ालू प्रवृत्ति से प्रायः परेशान रहता था। साथ में आर्थिक तंगी कोढ़ में खाज़ का काम करती थी, जिसके कारण परिवार में कलह भी बनी रहती थी। विगत गुरुवार को नशे की हालत में घर आये राम भरोसे से श्यामा का काफ़ी विवाद भी हुआ था। क्योंकि वह पत्नी के साथ-साथ बेटियों पर हाथ भी उठा देता था और पैसे की माँग भी करता रहता था, जिसके कारण श्यामा, पिंकी समेत पूरा परिवार अवसाद ग्रस्त की स्थिति में पहुँच गया और इन सब झंझटों से स्थाई रूप से छुटकारा पाने का निर्णय ले लिया। 
      ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि श्यामा ने स्वयं या तो बड़ी बेटी पिंकी से ज़हर की चार पुड़िया मँगाई और शुक्रवार की सुबह घर का दरवाज़ा अन्दर से बन्द करके सभी को खाने में ज़हर दे दिया और स्वयं भी वही ज़हरीला खाना खाकर आत्म हत्या कर ली।
        बताते है कि नशे की हालत में रामभरोसे कल शाम घर आया था किंतु दरवाज़ा न खुलने से वह गाली गलौज करता हुआ लौट गया। आसपास के लोगों की माने तो पहले भी उसकी ऐसी ही दिन चर्या रही है, इस कारण किसी को घर के अंदर इतनी बड़ी घटना होने का अंदेशा ही नहीं था। आज सुबह घर के अंदर से अजीबो ग़रीब दुर्गंध का आभास होने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। कोतवाली पुलिस जब मौक़े पर पहुँची और दरवाज़ा तोड़कर घर के अंदर पहुँची तो सभी होश उड़ गये। आनन-फ़ानन में उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई और शवों को बाहर निकाल कर पंचनामा भरने के बाद पाँचो शवों को विच्छेदन के लिये भेज दिया गया।
      मौके पर पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा, उपजिलाधिकारी सदर प्रमोद कुमार झा, क्षेत्राधिकारी नगर कपिल देव मिश्रा, कोतवाली प्रभारी रवीन्द्र श्रीवास्तव सहित भारी फोर्स बल मौके पर पहुंचकर घटना की जांच  पड़ताल में जुट गया है। उधर अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया आपसी कलह के कारण घटना को अंजाम देना लग रहा है।


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इनसेट...


👉 08 बाई 08 के कमरे तक सीमित था परिवार, शौच के लिये जाते थे बाहर 
    ✍️फ़तेहपुर। पति एवं पिता की नशेबाज़ी एवं आर्थिक तंगी से तंग आकर पाँच लोगों द्वारा ज़हर खाकर आत्म हत्या करने वाले परिवार के कुल थाथी आठ बाई तीस का प्लाट था, जो पारिवारिक बँटवारे में मिला था। इस प्लाट में लगभग आठ बाई आठ का एक कमरा व हाल में बना अर्धनिर्मित शौचालय है, जिसमें धनाभाव के चलते लैट्रिन सीट नहीं बैठाई जा सकी थी। घर के सभी सात लोग जिसमें दलित दंपत्ति व पाँचों बेटियाँ शौच के लिये घर से बाहर जाती थी। सवाल यह उठता है कि सरकार शौचालय निर्माण की दिशा में अत्यधिक गंभीर क्यों न हों किन्तु ज़मीनी हक़ीक़त कुछ और ही है।


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👉आन लाइन आवेदन के बावजूद न आवास मिला न बीपीएल कार्ड 
✍️फ़तेहपुर। चार लड़कियों के साथ ज़हर खाकर आत्महत्या करने वाली दलित श्यामा देवी ने सरकारी आवास और बीपीएल कार्ड के लिये कई बार आन लाइन आवेदन किया किन्तु जाँच में निर्धारित मानक पूरे न होने की बात कहकर लेखपाल ने कभी भी पक्ष में रिपोर्ट नहीं लगाई। नतीजतन इस पूर्ण पात्र परिवार को जीवन यापन के लिये न तो सरकारी आवास मिला और न ही बीपीएल कार्ड बना। जिससे इस परिवार की समस्याएँ बढ़ती गई और अंत्वोगत्वा पाँच लोगों को आत्म हत्या के लिये विवश हो जाना पड़ा। ये अलग बात है कि श्यामा देवी के ससुर राम सागर के नाम पर बीपीएल कार्ड बना हुआ है, जो मज़दूरी करते है।


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👉बरामद हुई ख़ाली ज़हर की पुडिया
✍️फ़तेहपुर। शहर के शांतिनगर इलाक़े में चार बेटियों के साथ आत्महत्या करने वाली दलित महिला ने खाने में ज़हर की कई पूड़ियाँ मिलाई थी। पुलिस ने घटना स्थल से ज़हर की पुड़ियों के रैपर भी बरामद किया है।


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👉नसेडी राम भरोसे गिरफ़्तार
✍️फ़तेहपुर। अपनी नशे एवं झगड़ालू प्रवृत्ति के चलते चार बेटियों और पत्नी को आत्महत्या के लिए मजबूर कर देने वाले दलित रामभरोसे को गिरफ़्तार कर लिया गया है। पुलिस ने उसे जब घटना स्थल के पास से पकड़ा तब भी वह नशे की हालत में था और पूरी तरह सेन्स में नहीं लग रहा था। ऐसी संभावना है कि उस पर अपने ही परिवार के पाँच सदस्यों को आत्महत्या के लिये उकसाने का मामला दर्ज किया जायेगा...!



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