👉प्राथमिक जाँच में फ़से एक्शियन एलजीसी !
👉- बनारस में करोड़ों के फ़र्ज़ी भुगतान का मामला
✍️ फ़तेहपुर। सिंचाई विभाग के प्रमुख ड़िवीजन निचली गंगा नहर के मौजूदा अधिशासी अभियंता जे॰पी॰ वर्मा पर कई बड़े घोटालों को जन्म देकर अंजाम तक पहुँचाने का मामला शासन स्तर पर उनके ख़िलाफ़ शुरू हुई जाँच में पकड़ में आया है।
ख़बर है कि राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कृतार्थ सिंह ने पिछले दिनो मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर श्री वर्मा के पूर्व तैनाती स्थल मूसा खाँड़ खण्ड बनारस के कई मामलों की जाँच कराने की माँग की थी, जिसकी प्राथमिक जाँच में 20 करोड़ का गड़बड़झाला पकड़ में आ गया है।
सूत्र बताते है कि इस पत्र में लगभग 01 करोड़ 20 लाख के गड़बड़झाले का सन्दर्भ ग्रहण करते हुए सीएम से निष्पक्षता से जाँच कराने की आवश्यकता जताई गई थी। जब इस मामले की जाँच शुरू हुई तो पकड़ में आया कि अधिशासी अभियंता जे॰पी॰ वर्मा ने मूसा खाँड़ खण्ड बनारस में तैनाती के दौरान विद्दुत विभाग को भुगतान होने वाली भारी भरकम धनराशि का दूसरे मद में फ़र्ज़ी भुगतान कर दिया। इस मामले की प्राथमिक जाँच में ही वहाँ के पटल सहायक को निलम्बित कर दिया गया और दो ढेकेदारो के विरुद्ध एफ़आईआर दर्ज करा दी गई है।
सूत्रों की माने तो एक्शियन एलजीसी जे॰पी॰ वर्मा समेत तीन अधिशासी अभियंताओ ने 20 करोड़ के क़रीब गड़बड़ियाँ की है, जिनके साक्ष्यों को मामला हाईप्रोफ़ाइल होने के कारण दबा दिया गया है। ख़बर है कि एक्शियन वर्मा के एक सजातीय मंत्री और कुछ अधिकारी इस मामले से सम्बंधित पत्रावलियों को ठिकाने लगवाने में जुटे हुए है।
एक मामले में तो आरोप पत्र दाख़िल हो जाने के बावजूद उच्चाधिकारी उसे दबाये हुए है और कुछ और गड़बड़ियों की पटकथा लिखने के लिये उन्हें फ़तेहपुर भेज दिया गया! इस सन्दर्भ में जब सम्बंधित आरोपी एक्शियन जे॰पी॰ वर्मा से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो वे उपलब्ध नहीं हुए।👆