कोरोना के ख़ौफ़ के बीच सत्ता का रंग ...

बड़ी ख़बर ... 👇


👉पटेल नगर की विवादित ज़मीन पर रात में भी चल रहा निर्माण
👉क़ाबिज़ परिवार को भोर पहर ही उठा ले गई पुलिस ...!


✍️फ़तेहपुर। कोरोना संक्रमण के ख़ौफ़ के बीच मफ़ियाओ ने विवादित जमीनो पर क़ब्ज़ा करना शुरू कर दिया हैं। शहर के पटेल नगर इलाक़े के हाईप्रोफ़ाइल भू-खण्ड पर आज सुबह से अचानक निर्माण कार्य शुरू करवा दिया गया। इसके पूर्व सुबह साढे पाँच बजे के क़रीब कोतवाली पुलिस पिछले कई दशक से इस भू-खण्ड पर क़ाबिज़ राम बाबू एवं उसके परिवार के सात सदस्यों को उठा ले गई। उसके बाद ही निर्माण कार्य प्रारम्भ हुआ, जो समाचार लिखे जाने तक जारी है। इस मामले में पुलिस व प्रशासन के ज़िम्मेदार मौन है !
       उल्लेखनीय है कि फ़तेहपुर नगर पालिका परिषद के पटेल नगर इलाक़े में हनुमान मंदिर के पीछे लगभग सवा दो बीघे ज़मीन का मामला पिछले लगभग ढाई दशक से चर्चा में है। इस ज़मीन को पूर्व में भाजपा समर्थित एक संस्था के नाम पर पट्टा किया गया था, जो बाद में निरस्त हो गया था। इस भू-खण्ड पर कई लोग ग्राम समाज के दौर का पट्टा होने व दीवानी कोर्ट से पक्ष में आदेश होने का दावा करते रहे हैं!
     सूबे में भाजपा की सरकार आने के बाद भाजपाई इस भू-खण्ड को लेकर फिर से गंभीर हुए तो तथाकथित पट्टाधारको ने कोर्ट का आदेश सामने रखकर भाजपाईयो के मंसूबो पर पानी फेर दिया किंतु सत्ता मद में मस्त भाजपाई कहा मानने वाले थे। लगभग ढाई माह पूर्व नगर पालिका के एक लिपिक के द्वारा तथाकथित पट्टाधारको के ख़िलाफ़ मुक़दमा भी क़ायम कराया गया और राम बाबू नामक एक पट्टाधारक को तो गिरफ़्तार किया गया किन्तु अन्य नामितो पर हाथ डालने की हिम्मत शहरी पुलिस नहीं जुटा पाई।
     कहते है इस बेसक़ीमती भू-खण्ड पर भाजपा के एक विधायक की नज़र टिकी तो योजनाबद्ध ढंग से तथाकथित पट्टेदारो को मिलाकर कुछ लोगों के नाम पट्टा करवा दिया गया किंतु कुछ तकनीकी कारणो से बैनामा नहीं हो पाया। इधर रामबाबू को कोर्ट से ज़मानत मिल जाने और अन्य नामितो को गिरफ़्तारी से बचाया जाता रहा है!
     ख़बर है कि आज सुबह साढे पाँच बजे के क़रीब कोतवाली पुलिस रामबाबू एवं उनके कई परिजनों को घर से उठा ले गई और उसके कुछ घण्टे बाद कई दर्जन मज़दूरों और राजगीरो को लगाकर इस भू-खण्ड पर निर्माण शुरू करवा दिया गया, जो देर रात तक जारी है। इस हाईप्रोफ़ाइल भू-खण्ड पर निर्माण कौन करवा रहा है, यह कोई बता नहीं पा रहा है।
    वही सत्ता के दबाव में प्रशासन भी इस मद में मौन है। कोरोना की ग्लोबल त्रासदी के बीच इतनी बड़ी संख्या में मज़दूर लगाकर दिन रात निर्माण का राज क्या है, यह पूरी तरह राज बना हुआ है। वही लोगों में तरह तरह की चर्चाओं का बाज़ार गर्म हैं ...!



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